बैंक लोन, जीएसटी, स्टैंडअप इंडिया आदि को इंडस्ट्री के डाउनफाल के बताए कारण, प्रधानमंत्री बोले- सरकार इन बिंदुओं पर करेगी विचार

फरीदाबाद.लगातार इंडस्ट्री में आ रही गिरावट से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरीदाबाद समेत देश के चुनिंदा उद्यमियों को बुलाकर ढाई घंटे तक दिल्ली स्थित अपने आवास पर मंथन किया। इस दौरान उन्होंंने विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों के प्रतिनिधियों के माध्यम से इंडस्ट्री में आ रही मंदी के कारणों को जाना। बैठक में फरीदाबाद से इंटीग्रेटेड एसोसिएशन आफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज ऑफ इंडिया (आईएएमएसएमई) के चेयरमैन राजीव चावला समेत रिटेल सेक्टर, एनर्जी और सोलर समेत अन्य क्षेत्रों के 12 उद्यमी शामिल हुए। चावला के अनुसार प्रधानमंत्री ने ढाई घंटे तक सिर्फ उद्यमियों के सुझावों को सुना और उन्हें नोट भी किया। बैठक के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि मार्केट में अर्थव्यवस्था के जो हालात हैं उन पर खुलकर बगैर किसी संकोच के बात करें। जिससे इंडस्ट्री के सामने आ रही समस्याओं को सुधारने का प्रयत्न किया जा सके।

इंडस्ट्री 5 लाख से अधिक काे दे रही रोजगार
फरीदाबाद औद्योगिक स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री हब के रूप में जानी जाती है। यहां करीब 20 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। इन इकाइयों में 5 लाख से अधिक लोगों को डायरेक्ट-इनडायरेक्ट तौर पर रोजगार मिला हुआ है।

बैंकों से लोन लेने में आ रही दिक्कत
आईएएमएसएमई के चेयरमैन एवं बैठक में शामिल राजीव चावला ने प्रधानमंत्री को बताया कि स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्रीज में आ रही गिरावट का प्रमुख कारण बैंकों से लोन लेने में आनी वाली समस्याएं हैं। बगैर किसी सिक्योरिटी के बैंक लोन देने को तैयार नहीं होते। ऐसे में छोटे उद्यमी अपना उद्योग ठीक ढंग से नहीं चला पाते हैं। आखिर में उन्हें इंडस्ट्री को बंद करना पड़ता है।

भारी भरकम प्रीपेड चार्ज वसूलना गलत
चावला ने पीएम को बताया कोई स्मॉल इंडस्ट्रीज अपना लोन बीच में चुकाना चाहती है तो बैंक उससे 5 फीसदी तक चार्ज वसूलते हैं। यदि किसी उद्यमी ने तीन करोड़ का लोन लिया है और वह बीच में ही लोन समाप्त करना चाहता है तो उसे पांच फीसदी के हिसाब से करीब 15 लाख रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा।

जीएसटी में भेदभाव

चावला के अनुसार प्रधानमंत्री को बताया गया कि सरकार जीएसटी का सरलीकरण कर रही है वहीं दूसरी ओर ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि छोटे उद्योगों से बड़ी इंडस्ट्री सामान लेने से न कतराएंं। उन्होंंने बताया कि 5 करोड़ तक की इकाइयों को हर तिमाही रिटर्न भरना पड़ता है जबकि इससे नीचे की इकाइयों को हर महीने। माल लेने वाला अपना रिटर्न नहीं भरेगा तब तक छोटी इंडस्ट्री को जीएसटी का क्रेडिट नहीं मिलेगा।

इनकम टैक्स वसूली में भारी भेदभाव

उन्हांेने कहा कि सरकार प्राइवेट और लिमिटेड कंपनियों से इनकम टैक्स 22 फीसदी लेती है जबकि स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्रीज से 30 फीसदी इनकम टैक्स वसूला जाता है।

पीएम ने सुझावों को ध्यान से सुना

चावला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देशभर के आए 12 औद्योगिक सेक्टरों के सुझावों को ध्यान से सुना और उन्हें नोट भीकिया। इस बैठक में न कोई अन्य मंत्री शामिल था और न ही पीएमओ का कोई अधिकारी। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया कि जो सुझाव आए हैं उन पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। इंडस्ट्री में छाई मायूसी को दूर किया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नई दिल्ली में बैठक खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देशभर से आए उद्यमी।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3542dzX

Comments