सेट पर सबका ख्याल रखते थे आमिर, स्टारडम का नशा उनमें है ही नहीं- नितेश तिवारी
बॉलीवुड डेस्क.आमिर खान अपने हर किरदार को परदे पर जीवंत करने के लिए जाने जाते हैं। एक खास बातचीत में ‘दंगल' के निर्देशक नितेश तिवारी ने आमिर के साथ बिताए कुछ यादगार पलों को साझा किया...।
- आमिर खान के साथ पहली मुलाकात के बारे में बताए?
मेरी पहली मुलाकात आमिर खान से तब हुई थी जब मैं उन्हें फिल्म ‘दंगल' के लिए अपनी स्क्रिप्ट सुनाने गया था, ये 2013 की बात है। उनको मिलने से पहले में काफी नर्वस था। आमिर फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े सितारे हैं और उनको स्क्रिप्ट सुनाना मेरे लिए बड़ी बात थी, लेकिन आमिर ने मुलाकात के पहले 10 मिनट में ही मेरी नर्वसनेस दूर कर दी। आमिर ने जैसे ही ‘दंगल' की स्क्रिप्ट सुनी उनका रिएक्शन काफी अलग था। उन्हें कहानी बेहद पसंद आई और उन्होंने फिल्म के लिए तुरंत हामी भर दी।
- आमिर की कोई खूबी जो आपको पसंद है?
उनसे मिलकर कभी ऐसा नहीं लगता कि वो इतने बड़े स्टार हैं। स्टारडम आमिर को छू भी नहीं पाया है और उनका स्वभाव, रहन-सहन एक आम इंसान जैसा ही है। हमेंसाथ काम किए काफी वक्त हो चला है फिर भी आमिर खान आज भी मुझे समय-समय पर मैसेज करते हैं। मेरे अलावा ‘दंगल' की कास्ट सान्या मल्होत्रा, फातिमा सना शेख, जायरा वसीम आदि के साथ आज भी उनके मधुर संबंध हैं। आमिर खान की यही आत्मीयता और अपनापन उनकी सबसे बड़ी खूबी है।
- आमिर खान की कौन सी बात हमेशा याद रहेगी ?
आमिर हमेशा अपनी टीम के बारे में बहुत सोचते हैं और उनका काफी ख्याल भी रखते हैं। मुझे याद है हम ‘दंगल' के वक्त पंजाब में कुछ सीन की शूटिंग कर रहे थे। आमिर ने उस वक्त अपनी टीम को ये निर्देश दिए कि सभी को समान कमरे मिलने चाहिए या तो मुझे कम सुविधाओं वाला कमरा दिया जाए। फिर सभी को अच्छे कमरे में रुकाया गया।
- ‘दंगल' के अलावा आमिर की कौन सी फिल्म आपको पसंद है?
मैं हमेशा से आमिर खान का फैन रहा हूं। उनकी कुछ फिल्मेंजैसे ‘जो जीता वही सिकंदर', ‘अंदाज अपना अपना', ‘लगान', ‘तारे जमीं पर', ‘थ्री ईडियट्स' आदि फिल्मों को बेहद पसंद करता हूं। इनमें आमिर खान का प्रदर्शन काबिले तारीफ है। मुझे लगता है की ये आमिर की एवरग्रीन फिल्में हैं जो आप कभी भी देख सकते हैं। मैं भी इन फिल्मों को कभी भी देख लेता हूं।
- ‘दंगल' के वक्त आमिर से जुड़ी कोई खास बात बताएंगे?
‘दंगल’ के समय अपने बढ़े वजन के कारण एक दिन आमिर सेट पर जूते के फीते भी बांध नहीं पा रहे थे। उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोले क्या यार नितेश तुम मुझसे क्या-क्या करवा रहे हो, अब तो मैं फीते भी नहीं बांध पा रहा हूं।
- आमिर को कौन सा एक खास तोहफा देना चाहेंगे?
अगर लाइफ में मैंने कभी कोई किताब लिखी तो उसकी पहली कॉपी मैं आमिर खान को भेंट में देना चाहूंगा, क्योंकि उन्हें किताबों से बहुत लगाव है। मुझे लगता है उन्होंने सारी किताबें पढ़ी हुई हैं। ‘दंगल’ के समय मुझे याद है वो शेक्सपियर पढ़ रहे थे। उन्हें खाली समय में किसी कोने में तकिए और किताब के साथ पाया जाता है।
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