नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने सांकेतिक विरोध जताया
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कांटेक्ट एंप्लाइज को नियमित करने, मेडिकल लीव, मेडिकल कार्ड व्यवस्था के साथ कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है उनको एक करोड़ रुपए दिए जाने की मांग को लेकर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को काली पट्टी बांधकर अपना रोष जताया। विभिन्न अस्पतालों में सुबह से ही पैरामेडिकल और नर्सिंग विभाग से जुड़े करीब 2000 कर्मचारियों ने इसी तरह से काम किया। यह प्रदर्शन दिल्ली स्टेट कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज एसोसिएशन, दिल्ली नर्सेज फेडरेशन, दिल्ली स्टेट पैरामेडिकल टेक्निकल एंप्लाइज फेडरेशन ने संयुक्त रुप से किया।
दिल्ली स्टेट कांट्रैक्चुअल इंप्लाई एसोसिएशन के महासचिव गुलाब रब्बानी ने बताया कि कोर्ट ने सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने का आदेश दिया था। इस पर आज तक अमल नहीं हुआ है। कोरोना के संक्रमण के दौरान सभी संविदा कर्मी भी स्थायी कर्मचारियों की तरह सेवा कर रहे हैं। लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारियों की तरह सुविधा नहीं मिल रही है। न तो संविदा कर्मियों के पास मेडिकल कार्ड है और न ही उन्हें इलाज या क्वारंटाइन रहने के दौरान छुट्टी प्रदान की जा रही है। जबकि संविदा कर्मचारी भी संक्रमण की चपेट में लगातार आ रहे हैं।
दिल्ली नर्सेज फेडरेशन के महासचिव एलडी रामचंदानी और उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा करे। इस प्रदर्शन के बाद भी कोई कोई कार्रवाई नहीं हुई तो जल्द ही हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में कर्मचारी हड़ताल पर गए तो दिल्ली में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
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