लड़कियों के वाट्सएप को हैक कर निजी चैटिंग वायरल करने की धमकी देकर करते थे उगाही

पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कॉलेज गोइंग लड़कियों का वाट्सएप नंबर हैक कर उनके ब्वायफेंऱ्ड से हुई पर्सनल बातों को वायरल करने की धमकी देकर उगाही करता था। इस गिरोह ने फरीदाबाद, गुडग़ांव, दिल्ली और पलवल की 100 से अधिक लड़कियों को अपना शिकार बना लाखों रुपए की वसूली कर चुका है। एनआईटी निवासी एक युवती की शिकायत पर साइबर सेल की टीम ने गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने अभी तक एनसीआर की 100 से अधिक लड़कियों को अपना शिकार बनाने की बात कबूल की है। सिम पोर्ट कराते समय आरोपी फर्जी आधार कार्ड के नंबर का प्रयोग करते थे। एयरटेल कंपनी का एक सेल्समैन उन्हें सिम उपलब्ध कराता था। फिर उन्हीं नंबरों से लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे।

इस गैंग का सरगना 12वीं पास है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान पलवल के झाबर नगर निवासी मनीष पुत्र स्व. सुभाष चंद, तिगांव निवासी पूजा और यूपी के बुलंदशहर निवासी सत्तार खान के रूप में हुई है। ये करीब दो तीन साल से ऐसे धंधे में लिप्त थे। पुलिस ने इनके कब्जे से मोबाइल फोन, कई सिम, लड़कियों की पर्सनल जानकारियां एवं फोटो बरामद की हैं।
लड़कियों को ऐसे बनाते थे अपना शिकार
एसीपी क्राइम अनिल यादव ने बताया कि मुख्य आरोपी मनीष जैन कॉलेज अथवा स्कूल के लड़कों से पहले दोस्ती करते थे। इसके बाद उन लड़कों के जरिए उनकी गर्लफ्रेंड अथवा उनकी सहेलियों के नंबर हासिल करते थे। उसके बाद फर्जी मोबाइल नंबरों से लड़कियों को कॉल कर धोखे से उनके वाट्सएप को हैक कर लेते थे। फिर लड़कियों के ब्वायफ्रेंड से हुई उनकी पर्सनल चैटिंग, फोटोग्राफ, वाइस रिकार्डिंग आदि को हासिल कर उसे वायरल करने की धमकी देकर पैसों की डिमांड करते थे।

100 से अधिक लड़कियों से लाखों रुपए वसूल कर चुके है

एसीपी ने बताया कि ज्यादातर लड़कियां बदनामी और घर वालों के डर से इनके दबाव में आ जाती थीं। फिर आरोपी शिकार बनाई लड़की को अकाउंट नंबर देते थे। लड़कियां उनके अकाउंट में पैसे डालती थीं। उन्होंने बताया गुडग़ांव, फरीदाबाद, पलवल और दिल्ली की 100 से अधिक लड़कियों को अपना शिकार बना उनसे लाखों रुपए वसूल कर चुके हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी एक लड़की को शिकार बनाकर उसके मोबाइल में सेव लड़की की सहेलियों के भी नंबर हासिल कर उन्हें भी शिकार बनाते थे। चूंकि शर्म व डर के कारण लड़कियां पुलिस के पास नहीं जाती थीं।

इन 3 नंबरों का करते थे इस्तेमाल: एसीपी ने बताया आरोपी तीन मोबाइल नंबरों का प्रयोग लड़कियों को अपनी जाल में फंसाने के लिए करते थे। ये नंबर हैं 9971471819, 7419171776 और 9319130978। यदि किसी लड़की अथवा महिला को इन नंबरों से फोन कर ब्लैकमेल या हरासमेंट करने का फोन आए तो वह अपनी शिकायत संबंधित क्षेत्र के महिला थाना या लोकल थाने में दे सकते हैं।

एनआईटी की लड़की आई सामने तब फूटा भांडा
एसीपी ने बताया एनआईटी निवासी एक लड़की को इसी तरह अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हुए उसका वाट्सएप हैक कर लिया। फिर उसे फोन कर पैसों की मांग की। लड़की ने तुरन्त इस बारे में अपने परिजनों को बताया। फिर परिजनों ने लड़की को साथ लेकर पुलिस में शिकायत दी। उन्होंने बताया कि आरोपी जिस सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे पहले उन मोबाइल नंबरों को दूसरी यूजर कंपनी में पोर्ट कराते थे।

पैसों के लालच में एयरटेल कम्पनी का सेल्समैन सत्तार खान फर्जी आधार कार्ड पर सिम उपलब्ध कराता था। उन्होंने बताया साइबर सेल ने मुख्य आरोपी मनीष जैन को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर पूजा और सत्तार खान को पकड़ा गया। तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।



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The girls used to hack WhatsApp by threatening to make personal chatting viral


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