ड्यूटी टाइम के बाद 12 महिला पुलिस अधिकारियों ने बनाए 15 हजार वॉशेबल मास्क, जरूरतमंद लोगों में बांटे

कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने लिए द्वारका जिले की महिला पुलिस अधिकारी जरूरतमंदों के लिए मास्क बनाने में जुटी हुई हैं। महिला पुलिस अधिकारी नजफगढ़ स्थित सिलाई सेंटर में अपनी ड्यूटी टाइम के बाद 3 घंटे का अलग से समय देकर मास्क बना रही हैं। डीसीपी एंटो एल्फोंस ने बताया कि इन महिला पु‍लिस अधिकारियों में 1 एसआई, 1 एएसआई, 4 हेड कांस्टेबल, 6 कांस्टेबल अपनी स्वेच्छा से मास्क बनाने के काम में जुटी हुई हैं। इनमें से कई महिला अधिकारी ऐसी भी जिसने कभी सिलाई ही नहीं थी। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने का जज्बा उनमें है। इसलिए ये महिला अधिकारी अपनी स्वेच्छा से मास्क बनाने का काम में जुटी हुई है।

प्रेरणादायक: कई सेलिब्रेटी इनके काम को देखने के लिए भी आ चुके

डीसीपी का कहना है कि किसी भी आपात स्थिति आने पर तुरंत ही क्षेत्र में वापिस आ सकती हैं। डीसीपी ने बताया कि मास्क को प्रयोग करने के बाद धोकर इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका कपड़ा कॉटन का है, जो काफी आराम दायक भी है। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारी पिछले आठ अप्रैल से नजफगढ़ स्थित सिलाई सेंटर में काम कर रही है। हर रोज करीब 700 से 800 तक मास्क प्रतिदिन बनाती है। इनमें से पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों तथा बाकी आम जरूरतमंद लोगों को बांट दिए जाते हैं। डीसीपी ने बताया कि महिला पुलिस अधिकारियों के हौसले को देखते हुए कई सेलिब्रेटी उनके काम को देखने के लिए भी आ चुके हैं।

इधर, कांस्टेबल के ठीक होकर लौटने पर डीसीपी ने किया जोरदार स्वागत

चांदनी महल थाने में तैनात कांस्टेबल विकास ठीक होकर लौटा तो उसका स्वागत करने के लिए खुद जिले के पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया वहां मौजूद रहे। डीसीपी ने जहां एक तरफ इस जवान के ऊपर फूल बरसाए तो वहीं जवाब में अपने साहब को देख इस कांस्टेबल ने भी पूरी शिद्दत के साथ उन्हें सैल्यूट कर अभिनंदन स्वीकार किया।



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After duty time, 12 women police officers made 15,000 washable masks, distributed among needy people


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