लोकगीतों से जागरूक कर रहे हैं शेल्टर होम के प्रवासी मजदूर
नई दिल्ली जिला में अलग-अलग संगठन व स्वयंसेवी संगठनों की आठ टीमें राजस्थानी, बुंदेलखंडी और भोजपुरी लोकगीत प्रवासी मजदूरों के शेल्टर और कालोनी में मनोरत्नम कैंपेन से खुशियां बांट रहे हैं। प्रवासी मजदूरों के शेल्टर होम, कालोनी के टुकड़े में टीमें हाथ में हार्मोनियम और ढोलक लेकर पहुंच रहे हैं। नई दिल्ली डीएम की तनवी गर्ग ने कैंपेन की जिम्मेदारी प्रोवेशन एसडीएम डॉ. नितिन शाक्य को सौंपी है।
डॉ. नितिन ने बताया कि मनोरत्नम का मतलब है, इस उदासी में मन में खुशी पैदा करने वाला कैंपेन। ना सिर्फ लोकगीत से बुंदेलखंड, राजस्थान या बिहार के प्रवासी मजदूरों को शेल्टर होम में जोड़कर कोरोना की महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन करने का संदेश देते हैं। लोग कालोनी, घर या शेल्टर होम में लंबे समय से लॉक हैं, ऐसे में हारमोनल चेंज होते हैं जिसमें अवसाद की स्थिति ना हो इसलिए इस तरह के कार्यक्रम से लोगों को जोड़ रहे हैं। लॉकडाउन में प्रशासन की सूचना जल्द पब्लिक तक पहुंचाने के लिए 35-40 वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इसमें कुछ कंटेनमेंट जोन के ग्रुप हैं।
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