लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के 18,929 परिवारों में गूंजी किलकारियां, पिछले साल की तुलना में 9832 रहा अंतर

अखिलेश कुमार.लॉकडाउन दिल्ली के 18,929 परिवारों के लिए कुछ खास हो गया। इनके परिवार में 25 मार्च से 24 अप्रैल के बीच नया मेहमान आया है। पूर्वी एमसीडी, उत्तरी एमसीडी और दक्षिण एमसीडी में इतने लोगों ने बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रेशन कराया है। ये डाटा पिछले साल यानी 25 मार्च से 24 अप्रैल, 2019 के बीच 28,776 था। यानी लॉकडाउन में बच्चों के बर्थ का रजिस्ट्रेशन महज एक महीने में 9832 कम हुए हैं। सबसे बड़ी कमी साउथ एमसीडी में आई है। यहां पिछले साल एक महीने में 11,606 बच्चों का जन्म हुआ था। इस साल उसी तारीख के लॉकडाउन पीरियड में 6997 बच्चों का जन्म हुआ यानी 4609 बच्चों का जन्म उनके कार्यक्षेत्र में कम हुआ।
उत्तरी एमसीडी में 10,882 की बजाय 7265 बच्चों का जन्म हुआ। यानी 3617 बच्चों का रजिस्ट्रेशन महज एक महीने में यहां घट गया। पूर्वी एमसीडी में 6273 रजिस्ट्रेशन 2019 के एक महीने में हुए और 2020 में उसी दौरान 1606 कम 4667 बर्थ रजिस्ट्रेशन हुए।
नार्थ एमसीडी में लिंगानुपात सबसे अच्छा- प्रति हजार 927 लड़कियां

नार्थ एमसीडी की आयुक्त वर्षा जोशी कहती हैं कि यूं तो सीधे तौर पर अभी इतना बड़ा अंतर कैसे आया ये नहीं कह सकते। लेकिन बॉर्डर सीलिंग व घर में जन्म वाले बच्चे और रजिस्ट्रेशन में एक महीने से अधिक होने पर एसडीएम ऑर्डर से होने वाले रजिस्ट्रेशन की कमी को बड़ा कारण मान सकते हैं। पूर्वी एमसीडी में बर्थ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बर्थ का रजिस्ट्रेशन सरकारी या एमसीडी से रजिस्टर अस्पताल खुद 7 दिन में रजिस्ट्रेशन कराते हैं।

इसके अलावा जिन बच्चों का जन्म घर पर होता है, वो एक महीने में एमसीडी दफ्तर जाकर या फिर ऑनलाइन प्रक्रिया से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एक महीने से अधिक समय निकल जाने के बाद एसडीएम के पास आवेदन करना होता है। एसडीएम जांच के बाद ऑर्डर जारी करते हैं जिसके आधार पर बर्थ रजिस्ट्रेशन एमसीडी करता है।

परिजन कहते हैं लॉकडाउन में आई है

अरसलान अबुल फजल एन्क्लेव में रहने वाले अरसलान पाशा की बेटी का जन्म होली फैमिली अस्पताल में 2 अप्रैल को हुआ। लॉकडाउन में बच्ची के जन्म को लेकर अच्छे-बुरे पहलू पर भास्कर ने पूछा तो बोले-दोनों अनुभव रहे हैं। बच्ची का जन्म तो होना ही था, कोविड19 और लॉकडाउन तो बाद में आया है। मित्र व परिजन कहते तो हैं कि लॉकडाउन में आई है। बेटी को इंफेक्शन हो गया तो जहां लेकर जाएं, सब पहले कोविड19 का टेस्ट कराने की बात कह रहे हैं। बेटी की सर्जरी में बहुत दिक्कत झेलनी पड़ी।

नार्थ एमसीडी में लिंगानुपात सबसे अच्छा

लॉकडाउन के एक महीने में लड़कों का जन्म अधिक हुआ है। तीनों एमसीडी में 25 मार्च से 24 अप्रैल के बीच 18,929 बच्चों का बर्थ रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसमें 9839 लड़के, 9084 लड़कियां और 6 थर्ड जेंडर के रहे हैं। लिंगानुपात की बात करें तो इस एक महीने में प्रति हजार 923 लड़कियों का जन्म हुआ है। इसमें अलग-अलग एमसीडी की बात करें तो नार्थ एमसीडी में लिंगानुपात सबसे अच्छी प्रति एक हजार लड़कों के मुकाबले 927 लड़कियों का जन्म हुआ है जबकि साउथ एमसीडी में 925 और ईस्ट एमसीडी में ये आंकड़ा 914 का रहा है।



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During the lockdown, 18,929 families in Delhi had buzzing kills, a difference of 9832 compared to last year.


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