रेल यात्री भविष्य में तेज और सुरक्षित सफर का ले पाएंगे आनंद

लॉकडाउन के बीच रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। भविष्य में रेलयात्रियों को मौजूदा समय से और तेज रफ्तार से सुरक्षित सफर का आनंद मिलेगा। रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल की परिचालन दक्षता में सुधार करने के लिए 21 विषयों की पहचान की है। सभी 31विषयों पर कार्य को प्रगति देने के लिए रेल मंत्रालय ने प्रत्येक विषय के लिए एक समिति का गठन कर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की है। इसके साथ ही सभी समितियों के लिए रेलवे बोर्ड ने एक समन्वय अधिकारी सहित विभाग प्रमुखों,कार्यकारी निदेशकों, महाप्रबंधकों सहित वरिष्ठ अधिकारियों की समिति का गठन किया गया है।

मंत्रालय ने 31 विषयों की पहचान कर समितियां बनाईं

सभी विषयों पर बनाई गई समितियों पर नजर रखने के लिए जीएम स्तर के दो अधिकारियों को सभी समितियों का नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ये समितियां लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से मीटिंग व चर्चा करेंगी। समन्वय अधिकारी के माध्यम से नोडल ऑफिसर अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। अधिकारियों का कहना है इस दौरान मालगाड़ियों की गति को बढ़ाकर माल और यात्री गाड़ियों के बीच की गति के अंतर को कम किया जाएगा।

बड़े पैमाने पर तैयार की गई है रूपरेखा

लॉक डाउन के साथ भारतीय रेल पर संचालन अनुरक्षण, निर्माण और विनिर्माण गतिविधियों के लिए की कार्य योजना लॉकडाउन के बाद भारतीय रेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उत्तर मध्य रेलवे तथा उत्तर रेलवे के समितियों का उत्तर व मध्य रेलवे के जीएम राजीव चौधरी को समिति के नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। इसके लिए वृहत रूपरेखा तैयार की गई है।

जीरो बेस्ड समय सारणी सहित सेक्शनों और टर्मिनल पर कंजेशन कम करने की बनाई गई है योजना

  • नई दिल्ली-हावड़ा, नई दिल्ली-चेन्नई, नई दिल्ली- मुंबई, हावड़ा- मुंबई और चेन्नई-हावड़ा खंडों पर ट्रेनों का जीरो बेस्ड समय सारणीकरण।
  • भारतीय रेलवे के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा मैनुअलों की समीक्षा।
  • सेक्शनों और टर्मिनलों पर कंजेशन को कम करने के लिए टाइमलाइन और रोड मैप के साथ महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान।
  • सेक्शन और लूप लाइनों में गति बढ़ाने के लिए वैधानिक सीआरएस निरीक्षण के लिए आवश्यक विभिन्न दस्तावेजों की समीक्षा और प्रोसेसिंग।
  • रेल संचालन और अनुरक्षण में बचत करने और दक्षता लाने के लिए सामग्री की खपत की समीक्षा।
  • फिजिकल फाइल मूवमेंट से बचने और साथ ही कार्य कुशलता लाने के लिए भारतीय रेल की सभी इकाइयों में ई.ऑफिस का कार्यान्वयन।
  • लोकोमोटिव, कोच, वैगन्, सिग्नलिंग गियर आदि जैसे विभिन्न परिसंपत्तियों के अनुरक्षण अवधि की समीक्षा और दुनिया भर के सर्वोत्तम मापदंडों के साथ तुलनात्मक अध्ययन।


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