प्रधानमंत्री उज्जवला योजना: लॉकडाउन में इस योजना ने लौटाई 42 हजार महिलाओं के चेहरों पर खुशी,उपभोक्ताओं को मुफ्त में मिल रहे गैस सिलेंडर

कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते देश में लॉकडाउन के दौरान गरीब व जरूरतमंदों की मद्द के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई योजना मददगार साबित हो रही है। जी हां, हम बात कर रहे है प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की। इस योजना के तहत अप्रैल, मई व जून माह के दौरान घरेलू रसोई गैस कनेक्शन धारकों को नि:शुल्क सिलेंडर दिए जाऐंगे। जिसके तहत सभी पात्र कनेक्शन धारकों के बैंक खातों में 740 रुपए प्रतिमाह राशि भेजी जा रही है। जिससे कनेक्शन धारक संबंधित एजेंसी पर भुगतान कर अपना सिलेंडर प्राप्त कर सकता है।

जिला में योजना के 42 हजार 843 उपभोक्ता लाभार्थी
^जिला पलवल में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 42 हजार 843 महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार की हिदायतों के अनुसार लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जिसके चलते गरीब व जरूरतमंद परिवारों के घरों में खाने-पीने की कमी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने सामाजिक संस्थाओं की मदद से तैयार भोजन व सूखा राशन पहुंचाने का कार्य व्यापक स्तर पर किया है। लेकिन घर का चूल्हा जलता रहे इसके लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बेहद कारगर साबित हो रही है। इस योजना के तहत अप्रैल, मई और जून माह के लिए सिलेंडर रिफिल कराने के लिए सरकार की ओर से सभी उपभोक्ताओं को 740 रुपए की राशि प्रतिमाह भेजी जाएगी।- नरेश नरवाल, डीसी पलवल।

हर महीने उठाना होगा योजना का लाभ
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अप्रैल माह की राशि संबंधित उपभोक्ताओं के खाते में भेजी जा रही है। जिस उपभोक्ता ने इस राशि से अप्रैल माह में अपना सिलेंडर रिफिल करा लिया उन्हीं उपभोक्ताओं को मई माह के लिए राशि जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला के सभी 20 एलपीजी वितरकों को आदेश जारी कर दिए है कि उज्जवला योजना के लाभार्थियों को अधिक से अधिक इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाए। इस योजना के तहत सरकार ने तीन माह तक गैस सिलेंडर रिफिल कराने में मदद का निर्णय लिया ताकि उपभोक्ता को लॉकडाउन में घर के चूल्हा-चौका की चिंता न करनी पड़े।
- रामअवतार सिंह, जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक, पलवल।

सरकार की मदद से रसोई की चिंता खत्म

लॉकडाउन के दौरान घर की आमदनी प्रभावित होने का सबसे ज्यादा असर रसोई पर पड़ता है, लेकिन सरकार की इस योजना ने चूल्हा जलाने की चिंता को खत्म कर दिया है। यह मानना है नई बस्ती में रहने वाली गृहिणी ममता का। ममता कहती है कि सरकार की इस योजना से अब तीन महीने तक सिलेंडर के खर्च से निजात मिली है। इसके अलावा सल्लागढ़ की रहने वाली आरती, नीतू व गीता कहती है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत उन्होंने एक दिन पहले ही सिलेंडर रिफिल कराया है।



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