कोरोना पॉजिटिव ने हेल्पलाइन से लेकर सोशल मीडिया पर लगाई भर्ती करने की गुहार, 48 घंटे बाद हुई सुनवाई
आनंद पवार.कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार भले ही स्थिति नियंत्रण में होने की दावे कर रही हो, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हाल यह है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती कर इलाज के लिए हेल्पलाइन नंबर व सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
खास बात तो यह है कि 48 घंटे बाद सुनवाई होने पर खानापूर्ति के लिए एंबुलेंस भेज भी दी जा रही हो, लेकिन मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के बजाए यहां से वहां भटकाया जा रहा है। ऐसे ही एक मरीज को 12 घंटे तक एलएनजेपी अस्पताल से नरेला क्वारेंटाइन सेंटर और नरेला क्वारेंटाइन सेंटर से एलएनजेपी अस्पताल घुमाया गया है। जिसमें से करीब 8 घंटे उसे एंबुलेंस में ही बिठाए रखा। घंटों तक एलएनजेपी अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में रखने के बाद रात 1 बजे उसे भर्ती किया है।
इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और विभाग की सचिव पदमिनी सिंघला से बात करने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मामले को देखेंगे। यदि कोई दोषी हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
पढ़िए...स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था की पोल खोलते दो मामले
केस-1 :‘बुखार और खांसी आने से मैं सीढ़ियों पर ही बैठ गया’
मुझे दो से तीन दिन से बुखार और खांसी चल रही थी। 25 अप्रैल को एक निजी लैब में कोरोना का टेस्ट कराया। जिसकी रिपोर्ट 26 अप्रैल को दोपहर में मिली। जिसमें मुझे कोरोना पॉजिटिव बताया गया। तुरंत मेरे बेटे ने 102, 1075 हेल्पलाइन नंबर और पुलिस के 100 नंबर पर फोन लगाया गया। सभी जगह से मुझे कुछ देर में एंबुलेंस आने की बात कहीं गई, लेकिन कोई नहीं आया। निजी अस्पतालों में संपर्क किया तो उन्होंने बेड नहीं होने की बात कही। फिर अगले दिन दोबारा हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाया। दोपहर 1 बजे एंबुलेंस आई। जिसके बाद मुझे एलएनजेपी अस्पताल लेकर गए, जहां मुझे तीन घंटे तक एंबुलेंस में ही रखा। फिर वहां से नरेला के क्वारेंटाइन सेंटर लेकर गए। वहां मुझे सातवें मंजिल पर 741 नंबर का रूम दे दिया गया। बिल्डिंग की लिफ्ट बंद थी। तेज बुखार और लगातार खांसी चलने से मैं सीढ़ियों पर ही बैठ गया। जहां सिस्टर ने मेरी स्थिति देखकर मुझे दोबारा एलएनजेपी अस्पताल भेजा। यहां पर करीब 4 से 5 घंटे तक एंबुलेंस में रखने के बाद रात करीब 1 बजे मुझे भर्ती किया गया।
-(जैसा आजादपुर मंडी के आढ़ती और मजलिस पार्क निवासी कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बताया )
केस-2 :‘मंडोली के क्वारेंटाइन सेंटर में मिल रहा है गंदा पानी’
मेरी बहन के साढ़े तेरह साल के बेटे की रिपोर्ट 27 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आई। पहले तो लगातार मदद मांगने के बावजूद कोई भर्ती करने को तैयार नहीं हुआ। रात 9 बजे से मंगलवार दोपहर तक हम इधर-उधर मदद मांगते रहे। निजी अस्पतालों ने भी इलाज करने से मना कर दिया। 18 घंटे बाद मंगलवार दोपहर में मेरी बहन और उसके बेटे को मंडोली के एक क्वारेंटाइन सेंटर में लेकर गए। जहां एक कमरे में बंद कर दिया गया। नलों में गंदा पानी आ रहा है। पीने का कोई पानी नहीं दिया जा रहा है। किसी डॉक्टर ने उसे देखा तक नहीं है। न बच्चे को दवाई दी। अब कोई सुनने को तैयार नहीं है। मेरी बहन और बेटे का रो-रो कर बुरा हाल है। कोई सुनने वाला नहीं है। हमें समझ में नहीं आ रहा हम क्या करे। प्लीज हमारी मदद करें।
-(जैसा पटपड़गंज निवासी कोरोना पॉजिटिव बच्चे की पटपड़गंज निवासी मौसी ने बताया)
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