निगम का 76.74 % अधिक आय का लक्ष्य, 4604 करोड़ कमाई व 2276 करोड़ खर्च का प्रावधान रखा

कोरोना महामारी को लेकर चल रहे लॉकडाउन में नगर निगम ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष बैठक करके वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को सर्वसम्मति से पारित कर औपचारिकताएं पूरी की। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बजट का प्रावधान करने में निगम अधिकारियों ने वर्तमान में चल रहे कोरोना संकट का कोई ख़याल नहीं रखा। पूर्व निर्धारित बजट को ही सर्वसम्मति से पास कर दिया। इसमें अधिकारियों ने यह यह सोचना भी जरूरी नहीं समझा कि कोरोना महामारी के चलते देश भर में छाए आर्थिक संकट का गुड़गांव के साथ नगर निगम की अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ने वाला है।

मेयर मधु आजाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में वित्त वर्ष 2020-21 में सभी स्रोतों से कुल 4604 करोड़ रुपए जुटाने और सभी मदों में कुल 2276 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। यहां यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए नगर निगम सभी स्रोतों से कुल 2605 करोड़ रुपए जुटने का लक्ष्य रखा था, मगर अनुकूल परिस्थिति होने के बावजूद 603 करोड़ रुपए ही प्राप्त कर सका जोकि कुल लक्ष्य का महज 23 फीसदी है। इतनी बड़ी असफलता के बावजूद निगम ने कोरोना संकट के वर्तमान दौर में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस बार 2000 करोड़ रुपए (76.74 फीसदी) अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा।

पूरे साल में महज 40 फीसदी खर्च कर सका निगम

गत वित्त वर्ष खर्च करने के लक्ष्य में भी नगर निगम पूरी तरह से विफल साबित हुआ है। निगम ने सभी मदों में खर्च करने के लिए कुल 2150.76 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, मगर पूरे साल में निगम महज 850.81 रुपए की खर्च कर सकता, जोकि लक्ष्य का महज 40 फीसदी है। इस असफलता के बावजूद निगम ने इस बार कुल 2276.63 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है।

महज संख्याओं के फेरबदल का है यह खेल
नगर निगम का बजट महज कागजी प्रक्रिया का हिस्सा है। यह संख्याओं के फेरबदल का खेल है। वर्ष 2019-20 में 590 करोड़ खर्च किए, जबकि आय 449 करोड़, कैपिटल हैड में खर्चा 260 करोड़ और आय 153 करोड़। लगभग 259 करोड़ का कुल नुकसान हुआ, जिसका कोई ब्यौरा नहीं दर्शाया गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार भी यह संख्याएं महज आंकड़े ही साबित होंगी। चूंकि यह एक असाधारण स्थिति है और कोविड-19 महामारी के कारण सभी मामलों में पहले ही देरी हो चुकी है।

विफलता के बावजूद प्रॉपर्टी टैक्स के एवज में 1103 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
बीते वित्त वर्ष प्रॉपर्टी टैक्स के एवज में कुल 250 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके एवज में निगम को महज 195 करोड़ रुपए प्राप्त किए जा सके। इसके बावजूद निगम ने चालू वित्त वर्ष में इस एवज में 1103 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष रखा है। इसमें निगम ने 880 करोड़ रुपए एरियर के तौर पर समायोजित किया। निगम को पूरा भरोसा है कोरोना संकट के इस दौर में भी लोग लंबित राशि के साथ पूरा टैक्स जमा करेंगे। इसी तरह से निगम ने एडवरटाइजिंग टैक्स के तौर पर 50 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले वर्ष यह लक्ष्य महज 35 करोड़ रुपए का था। सभी परिस्थिति अनुकूल होने के बावजूद निगम को इस मद में महज 16.5 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। इसके बावजूद निगम ने इस मद में 15 करोड़ रुपए और जोड़ दिया।



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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नगर निगम सदन की बजट को लेकर विशेष बैठक की अध्यक्षता करती मेयर मधु आजाद तथा निग्मायुक्त विनय प्रताप सिंह।


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