पठानकोट में एक दानवीर फकीर ने गरीबों में बांटे मास्क और राशन; दिल्ली में वॉलपेंटिंग बनाकर किया काेरोना वॉरियर्स को सलाम

लॉकडाउन अनलॉक के साथ ही उम्मीदों की किरण नजर आने लगी है।आज सेहमें नई उड़ान भरनी है, ताकि अर्थव्यवस्था संभले। ऊपर दी गई फोटो राजस्थान के नागौर स्थितकुचामन सिटी की है। देश में 68 दिन का लॉकडाउन समाप्तहो रहा है। अनलॉक-1 के पहले दिन आज फिर से जिंदगी पटरी पर लौटने वाली है। अब हर वर्ग अपने कार्य में गति लाने में जुटेगा। सूर्य की गतिमान आभा के साथ ऊंचाइयों की उड़ान भरने वाले परिंदे भी हमें इस तस्वीर से यही संदेश दे रहे हैं कि उठो, जागो, क्योंकि हर रोज जीतने के लिए हमें फिर से उड़ान भरनी है। भास्कर भी यही उम्मीद और कामना करता है कि हम सब अपनी मेहनत व काबिलियत से फिर शिखर को छू लेंगे और असीमित खुशियां वापस लाएंगे। आज से हमें उड़ान तो भरनी है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ।

असमंजस: जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारियां ...

यह तस्वीर गुजरात केसूरत शहर की है।यहां जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन यात्रा निकलेगी या नहीं इस पर असमंजस है। इस्कान के जनरल मैनेजर सरोज प्रभु ने बताया कि मंदिर की तरफ से तैयारियां चल रही हैं, लेकिन रथयात्रा निकालने पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। रथ को खींचने के लिए कम से कम 500 लोग लगते हैं और सरकार ने इतने लोगों को एकजुट होने की इजाजत नहीं दी है। अगर सरकार अनुमति देती है तो हम रथयात्रा निकालेंगे।

वल्ला सब्जी मंडी के बाहर परिवार के साथ महिलाओं का प्रदर्शन

पंजाब के अमृतसर की यह तस्वीर हमें थोड़ा सोचने पर मजबूर कर देगी। असल में भिखारी नहीं महामारी के मारे हैं। कोरोनाकाल से पहले ये महिलाएं वल्ला सब्जी मंडी में बाहर से आने वाली गाड़ियों से जमीन पर गिरीं और फेंकी जाने वाली सब्जियों को साफ करके मंडी के गेट पर बेचती थीं, जिनसे चार पैसे आते थे और घर का चूल्हा जलता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मंडी में इनके आने-जाने पर रोक लगा दी। मंडी के बाहर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले ये लोग अब दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं। कारोबारियों ने तो इनकी झुग्गियों को यहां से हटाने तक की मांग की थी। रोजगार के बाद अशियाना छिन जाने का भी इन लोगों को डर है। इस वजह सेरविवार को इन लोगों ने मंडी के बाहर परिवार सहित बर्तन लेकर प्रदर्शन किया और बर्तन खड़का कर अपने लिए रोजगार की मांग की।


ये तस्वीरपठानकोट का दानवीरकी है... भीख मांगकर बांटे 3 हजार मास्क और गरीबों को राशन

ये तस्वीरपठानकोट का दानवीर शख्स की है... जिसने पीएम मोदी के मन को छुआ, भीख मांगकर बांटे 3 हजार मास्क और गरीबों को राशन बांटा। सवा महीने के भीतर ही पीएम नरेंद्र मोदी ने पठानकोट के दो लोगों को प्रेरणास्रोत बताया। 24 अप्रैल को यहां की युवा सरपंच पल्लवी ठाकुर की के बाद रविवार को मन की बात में मोदी ने पठानकोट के दिव्यांग राजू को प्रेरणास्रोत बताया। बचपन से पोलियोग्रस्त 45 वर्षीय राजू शहर के ढांगू रोड पर 35 सालों से भीख मांगते हैं। बकौल राजू वह भीख से कमाए पैसे से गरीब कन्याओं की शादियों में, भंडारा कराने व राशन बांटकर उनकी मदद कर रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान 3000 से अधिक मास्क बांटे और 100 परिवारों को राशन दिया। प्रधानमंत्री द्वारा नाम लिए जाने के बाद उसके घर लोग बधाइयां देने पहुंचने लगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा भी पहुंचे।

कंटेनमेंट जोन से मुक्त होने की खुशी


यह फोटो चंडीगढ की है।यूटी प्रशासन ने रविवार को मनीमाजरा के शास्त्री नगर को खोल दिया है। यहां से एक कोरोना पॉजीटिव केस आया था जिसके बाद प्रशासन ने काॅलोनी के 8 मकानों को सील कर दिया था। यहां करीब 160लोग रह रहे हैं। शास्त्री नगर शहर का तीसरा एरिया है जहां से प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन हटाया है। इससे पहले सेक्टर-38ए की ईडब्ल्यूएस काॅलोनी और सेक्टर-52 की पुनर्वास काॅलोनी को भी कंटेनमेंट से हटाकर खोल दिया गया था।एडवाइजर मनाज परिदा ने रविवार को शास्त्री नगर को खोले जाने के संबंध में ऑर्डर किए। उन्होंने कहा कि भले ही इस एरिया को कंटेनजमेंट जोन से बाहर कर दिया है, लेकिन यहां रेजिडेंट्स की हेल्थ को नियमित तौर पर मॉनिटर किया जाएगा, ताकि यहां बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

200 परिवार पानी के लिए 2 किमी दूर जाने को मजबूर...

तस्वीर मध्यप्रदेश के मुरैना स्थितरामपुरकलां की है। नौतपा की भीषण गर्मी के दिनों में घाटी क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत रुनधान खालसा के नौरावली गांव में 200 परिवार पानी के लिए 2 किलोमीटर का सफर कर रहे हैं। क्योंकि इस गांव के प्राथमिक स्कूल पर लगे हैंडपंप का पानी सूख गया है। इसके अलावा गांव लगे हैंडपंप का पानी खारा है तथा काफी देर बाद पानी आता है। इस हाल में गांव में रहने वाली महिलाओं, किशोरियों व युवाओं को दो किलोमीटर की दूर तय कर पहाड़ों के बीच स्थित प्राचीन कुंए से पानी लाना पड़ रहा है। इसी प्रकार के हालात बामसौली क्षेत्र के धोबीपुरा गांव में बने हुए हैं। इस फोटो कोराघवेंद्र भदौरिया ने अपने कैमरे में कैद किया है।

आज से पर्यटकों के लिए खुलेगी फूलों की घाटी


उत्तराखंड के चमोली स्थितजोशीमठ की तस्वीर है। 12000 फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खुलेगी। वन विभाग की टीम ने रास्ता खोल दिया है। इसी टीम ने यह फोटो उपलब्ध कराया है। फॉरेस्ट इंस्पेक्टर दिनेश लाल ने बताया कि निचले क्षेत्र में बर्फ पिघल चुकी है, फूल खिलने लगे हैं। जुलाई में फूलों की बहार होगी। यहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं, जिसमें ब्रह्मकमल, पोटैंटिला, सनफ्लावर, एनीमून शामिल हैं।

ख्वाजा साहब की दरगाह में चिराग रोशन कर कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए मांगी दुआ

राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह रविवार को ऐतिहासिक पल की गवाह बनी। पहली बार दरगाह में 21 हजार चिराग रोशन किए गए। जश्ने ख्वाजा उस्मान हारुनी के तहत 21,000 चिराग रोशन कर कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए दुआ की गई। लॉकडाउन के दौरान हुए आयोजन का सोशल साइट पर लाइव प्रसारण किया गया। चिश्तिया सूफी मिशन की ओर से यह आयोजन किया गया। मिशन के सैयद यासिर गुर्देजी, जकरिया गुर्देजी, अली अब्बास, अली दुजाना, गजनवी सहित विभिन्न खादिमों ने दरगाह में चिराग रोशन किए। निजाम गेट से ही चिराग रोशन करने का सिलसिला शुरू हो गया था। शाहजहांनी दरवाजे, बुलंद दरवाजा, सहन चिराग , क्वीन मैरी हौज, संदल खाना गेट, बाबा फरीद का दालान, शाहजहानी मस्जिद, बेगमी दालान सहित विभिन्न क्षेत्रों में चिराग रोशन किए गए। दरगाह में पहली बार इस तरह का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर किया गया।

अव्यवस्था की बारिश...

यह तस्वीर पंजाब की पठानकोट की है।इस प्रवासी मजदूर को परिवार के साथ ट्रेन से घर जाना था, लेकिन इसकी बारी तो नहीं आई पर बारिश जरूर आ गई। 8 बसों में लुधियाना भेजे छत्तीसगढ़ के 200 मजदूर, आगे ट्रेन से होंगे रवाना, कई अभी भी इंतजार में है। जिले से रविवार को छत्तीसगढ़ के 200 प्रवासी मजदूर 8 बसों में लुधियाना भेजे गए। आगे वे ट्रेन से गए। वहीं, 2 दिन पैदल चलकर जम्मू से शनिवार रात 24 मजदूर राधा स्वामी सत्संग घर पठानकोट पहुंचे। जहां सत्संग घर के सेवकों ने उनको खाना खिलाया। रात को ठहराया। सुबह मजदूर नाश्ता कर बिना बताए पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े। सत्संग घर के सेवकों को पता चला तो वे वापस ले आए और कहा कि जब तक आपकी ट्रेन नहीं आती तब तक आप हमारे मेहमान हैं।

काेरोना वॉरियर्स को सलाम...

यह फोटो देश की राजधानीनई दिल्ली की है। यहांकोरोना वॉरियर्स काउत्साहवर्धन करता नजारा देखने को मिला। कोरोना वॉरियर्स कोसलाम करती यहां एक वॉलपेंटिंग बनाई गई। इस तस्वीर में डॉक्टर, पुलिस, नर्स, डिलिवरी बॉय, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी की मास्क पहने तस्वीर बनाई गई है।



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A ray of hope seen in Nagaur, Rajasthan, a donor fakir in Pathankot, begging and distributing masks and rations among the poor; Salute to Corona Warriors by creating wallpaintings in Delhi


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