महिलाओं का आरोप ठेकेदार के आदमी ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहे

ताजूपुर गांव में शराब का ठेका खोले जाने के विरोध में रविवार को पंचायत बुलाई गई। इसमें गांव के सरपंच संजीव, ठेकेदार के आदमी व ठेके का विरोध करने वाली महिलाएं मौजूद थीं। पंचायत में ठेकेदार ने अपनी बात रखने के बाद जब महिलाओं ने अपनी बात रखी तो दोनों पक्षों में तनातानी हो गई। ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि इस दौरान ठेके के लोगों ने उन्हें जातिसूचक और अपशब्द कहें। इससे गुस्साई महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को ठेका नहीं खुलने का आश्वासन देकर शांत कराया।
ताजूपुर निवासी पर्व‌तारोही डॉ. अरुणिमा सिेन्हा के अनुसार गांव के कुछ लोगों द्वारा गांव में अवैध रूप से शराब का ठेका खोला जा रहा है। इसके लिए एक बड़ा कंटेनर गांव में रखा गया। ठेका नहीं खुलने देने के लिए रविवार को गांव में सोशल डिस्टेंस के साथ पंचायत बुलाई गई। पंचायत में ठेकेदार के एक व्यक्ति ने गांव की अनुसूचित जाति की महिलाओं को अपशब्द कहे और बाद में देख लेने व जान से मारने की धमकी दी। उसने महिलाओं को धमकी दी कि ठेका जरूर खुलेगा जो करना है कर लो। यह बोल कर वह पंचायत से चला गया। इसके बाद शीला, कविता, मीना आदि महिलाएं वहीं धरने पर बैठ गईं।

महिलाओं ने कहा अगर ठेका खुला तो उसे आग लगा देंगे। इस मामले की सूचना पाकर भूपानी थाने से पुलिस पहुंच गई। उसने महिलाओं से लिखित शिकायत ली और आश्वासन दिया कि महिलाएं की स्वीकृति के बिना ठेका नहीं खुलेगा। इस संबंध में महिलाओं ने डीसी यशपाल यादव और महिला आयोग को पत्र लिख शिकायत की। सरपंच संजीव ने कहा कि वह महिलाओं के साथ हैं। पंचायत में उनकी पूरी बात सुनी गई है। सोमवार को डीसी यशपाल यादव को इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा। इस मौके पर नीतू, रजनी, मधुबाला, रेखा, पूनम, अंजू, देवेंद्र, अनूप, बाला सहित अनेक महिलाएं मौजूद थीं।

मामले की जांच शुरू की
महिलाओं को जातिसूचक शब्द कहे जाने की शिकायत मिली है। मामले की जांच एएसआई रमेश कुमार द्वारा शुरू कर दी गई है।- कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी भूपानी



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